भूत कैसे भगाए
भूत बाधा से परेशान व्यक्ति का इलाज इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूत बाधा से परेशान व्यक्ति का पाला किसी स्तर की नकारात्मक शक्ति से पड़ा है !
अगर नकारात्मक शक्ति, बेहद ताकतवर है तो उसे दूर करने का प्रयास भी ताकतवर करना होता है और अगर नकारात्मक शक्ति, कमजोर है तो केवल मामूली दवाओं के खिलाने से भी आराम मिल जाता है !
जो व्यक्ति नियमित रूप से अपने माता पिता की सेवा करते हैं, दूसरों को सताते नहीं हैं, मानसिक रूप से मजबूत होते हैं और ईश्वर की अखण्ड शक्ति में विश्वास करते हैं, उन्हें जल्दी कोई भूत बाधा परेशान नहीं कर पाती !
लेकिन जो व्यक्ति मांस, मछली, अंडा आदि खाते हैं, या शराब पीते हैं या कोई ऐसा बाजार में बिकने वाला सामान खाते या इस्तेमाल करते हैं जिसमे जैविक पदार्थों की मिलावट के आसार होते हैं (जैसे – सादा पान मसाला, कत्था, चाकलेट, टॉफी, पिज्जा, बर्गर, नूडल्स, चिप्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स, लिपस्टिक, डीयो, परफ्यूम आदि), वे लोग जब कभी भी इन अदृश्य नकारात्मक शक्तियों के सम्पर्क में आते हैं तो नकारात्मक शक्तियों के उनके शरीर में प्रवेश करने की सम्भावना, सात्विक और शाकाहारी लोगों की तुलना में ज्यादा होती है क्योंकि इन भूत प्रेत जैसी नकारात्मक शक्तियों को तामसिक खाना और तामसिक व्यवहार आकर्षित करता है ! ये भूत प्रेत, विशुद्ध तामसिक प्राणी होते हैं !
इसके अलावा कभी कभी ऐसा भी देखने को मिलता है कि अशरीरी तत्वों का किसी भौतिक चीज (जैसे- घर, फर्नीचर, पेड़, सुनसान जगह, उनकी कब्र आदि) से बहुत लगाव होता है और उन भौतिक चीजों के सम्पर्क में गलत तरीके से (जैसे- अतिक्रमण करने से, मल मूत्र त्यागने से या अपमान करने से ) आने पर कोई दुर्बल मानसिकता वाला व्यक्ति, स्त्री या छोटा बच्चा आदि, भूत बाधा का शिकार हो सकता है (इसीलिए बड़े बुजुर्ग सलाह देते हैं कि कभी किसी अनजान, सुनसान जगह पर मल मूत्र का त्याग करने की मजबूरी आ पड़े तो मल मूत्र त्यागने से पहले भगवान के किसी भी नाम का 4 -5 बार मन ही मन जप कर लेना चाहिए, जिससे सुरक्षा मिलती है) !
कुछ ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि जब किसी व्यक्ति की जन्म कुण्डली के हिसाब से ‘केतु’ ग्रह से सम्बंधित विशेष योगों की शुरुवात होती हैं तो वह व्यक्ति भूतों के लिए आसान शिकार बन जाता है !
भूत बाधा हो जाने पर, यह जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति एब्नार्मल हरकतें करने लगे क्योंकि कई बार ऐसा भी होता है कि शरीर में कठिन या सामान्य रोग लग जाते हैं जो जल्दी ठीक नहीं होते हैं !
भूत बाधा शिकार व्यक्तिओं को कभी कभी, सोते हुए या जागते हुए भी किसी आदमी या औरत का साया अचानक से दिख सकता है और ये साया भयानक भी हो सकता है !
जहाँ किसी उच्च स्तर के भगवान् के भक्त को अपने आस पास दिव्य देहधारी और अति तेजस्वी देवता, सिद्ध, ऋषि, मुनि आदि दिखाई देते हैं, वही भूत बाधा के शिकार साधारण संसारी को डरावने साए दिखते हैं !
भूत बाधा से शिकार व्यक्ति को जल्दी ठीक करने के लिए, कड़ी कड़ी एलोपैथिक दवाएं खिलाने से मरीज की हालत और ख़राब हो सकती है !
यहाँ पर समझने वाली बात है कि हर तरह के भूत प्रेत, मानवों से निकृष्ट कोटि के प्राणी है क्योंकि मानवों का शरीर पांच तत्वों का बना है जबकि इन नकारात्मक शक्तियों का शरीर 5 से कम तत्वों का बना हुआ है इसलिए हम मानवों को, इनमे से किसी भी अशरीरी तत्वों से डरने की बिल्कुल जरूरत नहीं है !
हम मानव इन सभी नकारात्मक शक्तियों से हर हाल में श्रेष्ठ हैं, जब ऐसा दृढ़ विश्वास किसी व्यक्ति के अन्दर होता है तो ये नकारात्मक शक्तियां उस व्यक्ति के शरीर पर कब्ज़ा नहीं कर पाती हैं !
लेकिन इतना उच्च स्तर का साहस सभी साधारण संसारी लोगों में नहीं होता ! सामान्य लोग अगर भूत बाधा से परेशान हो जाते हैं तो डर के मारे उनकी और उनके परिवार की घिग्घी बंध जाती है !
इसलिए यहाँ पर संतो द्वारा प्रदत्त ज्ञान जो बड़ी से बड़ी शक्तिशाली भूत बाधा को नष्ट करने में निश्चित सक्षम है, दिया जा रहा है !
हर तरह की नकारात्मक शक्तियां, तम प्रवृत्ति की होती हैं और इस तम प्रवृत्ति के घोर विरोधी हैं, भगवान् हनुमान जी !
हनुमान जी की, ‘हनुमान चालीसा’ या ‘बजरंग बाण’ पढने से निश्चित सभी तरह की भूत बाधाएं भाग खड़ी होती हैं !
हर तरह की नकारात्मक शक्तियों (भूत, प्रेत, पिशाच, निशाचर, जिन्न, वैताल, ब्रह्मराक्षस आदि सभी) को अपने पास से और अपने घर से भगाने के लिए, इस कलियुग में बजरंग बाण का पाठ करना अमोघ फलदायी है !
शक्ति के महासागर भगवान हनुमान जी की कृपा से चाहे कितनी भी खतरनाक नकारात्मक शक्ति हो, बेचैन होकर भाग खड़ी होती है !
हनुमान जी को महावीर कहा गया है, मतलब ना तो इनसे ज्यादा ताकतवर और ना ही इनके बराबर की ताकत किसी भी दानव या देवता में है ! यही महा बल दर्शाता है कि श्री हनुमान जी,
अगर नकारात्मक शक्ति, बेहद ताकतवर है तो उसे दूर करने का प्रयास भी ताकतवर करना होता है और अगर नकारात्मक शक्ति, कमजोर है तो केवल मामूली दवाओं के खिलाने से भी आराम मिल जाता है !
जो व्यक्ति नियमित रूप से अपने माता पिता की सेवा करते हैं, दूसरों को सताते नहीं हैं, मानसिक रूप से मजबूत होते हैं और ईश्वर की अखण्ड शक्ति में विश्वास करते हैं, उन्हें जल्दी कोई भूत बाधा परेशान नहीं कर पाती !
लेकिन जो व्यक्ति मांस, मछली, अंडा आदि खाते हैं, या शराब पीते हैं या कोई ऐसा बाजार में बिकने वाला सामान खाते या इस्तेमाल करते हैं जिसमे जैविक पदार्थों की मिलावट के आसार होते हैं (जैसे – सादा पान मसाला, कत्था, चाकलेट, टॉफी, पिज्जा, बर्गर, नूडल्स, चिप्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स, लिपस्टिक, डीयो, परफ्यूम आदि), वे लोग जब कभी भी इन अदृश्य नकारात्मक शक्तियों के सम्पर्क में आते हैं तो नकारात्मक शक्तियों के उनके शरीर में प्रवेश करने की सम्भावना, सात्विक और शाकाहारी लोगों की तुलना में ज्यादा होती है क्योंकि इन भूत प्रेत जैसी नकारात्मक शक्तियों को तामसिक खाना और तामसिक व्यवहार आकर्षित करता है ! ये भूत प्रेत, विशुद्ध तामसिक प्राणी होते हैं !
इसके अलावा कभी कभी ऐसा भी देखने को मिलता है कि अशरीरी तत्वों का किसी भौतिक चीज (जैसे- घर, फर्नीचर, पेड़, सुनसान जगह, उनकी कब्र आदि) से बहुत लगाव होता है और उन भौतिक चीजों के सम्पर्क में गलत तरीके से (जैसे- अतिक्रमण करने से, मल मूत्र त्यागने से या अपमान करने से ) आने पर कोई दुर्बल मानसिकता वाला व्यक्ति, स्त्री या छोटा बच्चा आदि, भूत बाधा का शिकार हो सकता है (इसीलिए बड़े बुजुर्ग सलाह देते हैं कि कभी किसी अनजान, सुनसान जगह पर मल मूत्र का त्याग करने की मजबूरी आ पड़े तो मल मूत्र त्यागने से पहले भगवान के किसी भी नाम का 4 -5 बार मन ही मन जप कर लेना चाहिए, जिससे सुरक्षा मिलती है) !
कुछ ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि जब किसी व्यक्ति की जन्म कुण्डली के हिसाब से ‘केतु’ ग्रह से सम्बंधित विशेष योगों की शुरुवात होती हैं तो वह व्यक्ति भूतों के लिए आसान शिकार बन जाता है !
भूत बाधा हो जाने पर, यह जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति एब्नार्मल हरकतें करने लगे क्योंकि कई बार ऐसा भी होता है कि शरीर में कठिन या सामान्य रोग लग जाते हैं जो जल्दी ठीक नहीं होते हैं !
भूत बाधा शिकार व्यक्तिओं को कभी कभी, सोते हुए या जागते हुए भी किसी आदमी या औरत का साया अचानक से दिख सकता है और ये साया भयानक भी हो सकता है !
जहाँ किसी उच्च स्तर के भगवान् के भक्त को अपने आस पास दिव्य देहधारी और अति तेजस्वी देवता, सिद्ध, ऋषि, मुनि आदि दिखाई देते हैं, वही भूत बाधा के शिकार साधारण संसारी को डरावने साए दिखते हैं !
भूत बाधा से शिकार व्यक्ति को जल्दी ठीक करने के लिए, कड़ी कड़ी एलोपैथिक दवाएं खिलाने से मरीज की हालत और ख़राब हो सकती है !
यहाँ पर समझने वाली बात है कि हर तरह के भूत प्रेत, मानवों से निकृष्ट कोटि के प्राणी है क्योंकि मानवों का शरीर पांच तत्वों का बना है जबकि इन नकारात्मक शक्तियों का शरीर 5 से कम तत्वों का बना हुआ है इसलिए हम मानवों को, इनमे से किसी भी अशरीरी तत्वों से डरने की बिल्कुल जरूरत नहीं है !
हम मानव इन सभी नकारात्मक शक्तियों से हर हाल में श्रेष्ठ हैं, जब ऐसा दृढ़ विश्वास किसी व्यक्ति के अन्दर होता है तो ये नकारात्मक शक्तियां उस व्यक्ति के शरीर पर कब्ज़ा नहीं कर पाती हैं !
लेकिन इतना उच्च स्तर का साहस सभी साधारण संसारी लोगों में नहीं होता ! सामान्य लोग अगर भूत बाधा से परेशान हो जाते हैं तो डर के मारे उनकी और उनके परिवार की घिग्घी बंध जाती है !
इसलिए यहाँ पर संतो द्वारा प्रदत्त ज्ञान जो बड़ी से बड़ी शक्तिशाली भूत बाधा को नष्ट करने में निश्चित सक्षम है, दिया जा रहा है !
हर तरह की नकारात्मक शक्तियां, तम प्रवृत्ति की होती हैं और इस तम प्रवृत्ति के घोर विरोधी हैं, भगवान् हनुमान जी !
हनुमान जी की, ‘हनुमान चालीसा’ या ‘बजरंग बाण’ पढने से निश्चित सभी तरह की भूत बाधाएं भाग खड़ी होती हैं !
हर तरह की नकारात्मक शक्तियों (भूत, प्रेत, पिशाच, निशाचर, जिन्न, वैताल, ब्रह्मराक्षस आदि सभी) को अपने पास से और अपने घर से भगाने के लिए, इस कलियुग में बजरंग बाण का पाठ करना अमोघ फलदायी है !
शक्ति के महासागर भगवान हनुमान जी की कृपा से चाहे कितनी भी खतरनाक नकारात्मक शक्ति हो, बेचैन होकर भाग खड़ी होती है !
हनुमान जी को महावीर कहा गया है, मतलब ना तो इनसे ज्यादा ताकतवर और ना ही इनके बराबर की ताकत किसी भी दानव या देवता में है ! यही महा बल दर्शाता है कि श्री हनुमान जी,
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